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अगर आप अपवर्तक सर्जरी पर विचार कर रहे हैं, तो आपके लिए यह ब्लॉग पोस्ट बहुत फायदेमंद हो सकता है। अक्सर दृष्टि सुधार के लिए हर साल लाखों लोग इस प्रकार की सर्जरी करवाते हैं। अपवर्तक सर्जरी के कई अलग-अलग प्रकार हैं, जिनमें से प्रत्येक के अपने फायदे और जोखिम हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम अलग-अलग प्रकार की अपवर्तक सर्जरी पर चर्चा करेंगे। साथ ही हम सर्जरी के लिए सही उम्मीदवार जैसी सभी जरूरी बातों पर चर्चा करेंगे, जिससे आपको एक सूचित फैसला लेने में मदद मिल सकती है।
यह अपवर्तक सर्जरी का सबसे आम प्रकार है। इस सर्जरी में कॉर्निया के अंदर छोटा फ्लैप बनाने के लिए लेजर का उपयोग करना शामिल है। लेसिक निकट दृष्टिदोष (मायोपिया), दूरदर्शिता (हाइपरोपिया) और दृष्टिवैषम्य (एस्टिग्मैटिज्म) सहित दृष्टि समस्याओं की एक विस्तृत श्रृंखला को ठीक कर सकती है। लेसिक को बहुत ही उच्च सफलता दर के साथ सबसे सफल अपवर्तक सर्जरी माना जाता है। इनमें ड्राई आई फ्लैप की समस्या दृष्टि हानि या बदलाव शामिल हैं।
इस प्रकार की सर्जरी लेसिक से मिलती-जुलती है, लेकिन पीआरके की प्रक्रिया में कॉर्निया के अंदर फ्लैप बनाना शामिल नहीं है। इसके बजाय सर्जन नीचे के ऊतक को दोबारा आकार देने से पहले कॉर्निया की सबसे बाहरी परत यानी एपिथेलियम को हटा देते हैं। पीआरके सर्जरी बहुत पतली कॉर्निया या अन्य आंखों की स्थिति वाले लोगों के लिए अच्छा विकल्प है, जो लेसिक को जोखिम भरा बनाते हैं। अगर आप संपर्क खेलों में भाग लेते हैं, तो यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि फ्लैप को चोट लगने का कोई खतरा नहीं है।
पीआरके सर्जरी रिकवरी में लेसिक के मुकाबले ज्यादा समय लगता है, जिसके कारण आप सर्जरी के तुरंत बाद ठीक से नहीं देख पाते। हालांकि, ज्यादातर लोग कुछ दिनों के अंदर 20/20 दृष्टि या उससे बेहतर दृष्टि हासिल कर लेते हैं। लेसिक की तरह पीआरके में कॉर्निया को ऑक्सीजन की आपूर्ति को अस्थायी रूप से काटना शामिल है। इससे थोड़े समय के लिए धुंधली दृष्टि, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता और दृष्टि में उतार-चढ़ाव जैसे कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। यह दुष्प्रभाव आमतौर पर हल्के होते हैं और कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक ठीक हो जाते हैं।
इस प्रकार की सर्जरी पीआरके से मिलती-जुलती है, लेकिन इसे हटाने से पहले कॉर्निया के बाकी हिस्सों से एपिथेलियम को ढ़ीला करने के लिए लेजर का उपयोग शामिल है। यह गंभीर ऊतक को नुकसान के जोखिम को कम करने में मदद करता है। अन्य प्रकार की सर्जरी के मुकाबले लासेक के फायदों में कम रिकवरी का समय और जटिलताओं का कम जोखिम शामिल है। इनमें इंफेक्शन, सूजन और सूखी आंखों जैसी जटिलताएं शामिल हैं। जबकि, कुछ लोगों को प्रक्रिया के तुरंत बाद अस्थायी प्रकाश संवेदनशीलता या धुंधली दृष्टि का भी अनुभव हो सकता है। कुछ दुर्लभ मामलों में आपको कॉर्निया में निशान या दृष्टि हानि जैसी ज्यादा गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।
आरएलई सर्जरी को रिफ्रेक्टिव लेंस एक्सचेंज सर्जरी भी कहते हैं। यह सर्जरी आमतौर पर सिर्फ 40 साल से ज्यादा उम्र के उन मरीजों पर की जाती है, जो लेसिक या पीआरके के लिए सही उम्मीदवार नहीं हैं। इस प्रक्रिया में आंख के प्राकृतिक लेंस को हटाना और उसकी जगह आर्टिफिशियल लेंस लगाना शामिल है। यह चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस पर आपकी निर्भरता को कम करने में फायदेमंद है। साथ ही आप कम रोशनी की स्थिति में बेहतर दृष्टि भी प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार की सर्जरी से मोतियाबिंद, इंफेक्शन, सूजन, जलन, चकाचौंध, चमकते घेरे और दोहरी दृष्टि का जोखिम कम होता है।
इस प्रकार की अपवर्तक सर्जरी में कॉर्निया के अंदर इम्प्लांटेबल डिवाइस की लगाना शामिल है। यह डिवाइस कॉर्निया के आकार को बदलने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो रोशनी के अपवर्तित होने और आंख में जाने का तरीका बदल देता है। इससे मायोपिया यानी निकट दृष्टिदोष जैसी दृष्टि संबंधी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है। इंट्राकॉर्नियल रिंग सर्जरी का मुख्य फायदा है कि यह मायोपिया वाले मरीजों के लिए जरूरी दृश्य सुधार प्रदान कर सकती है। इसके अलावा इस प्रकार की सर्जरी को सुरक्षित और प्रभावी माना जाता है। आमतौर पर इस प्रकार की सर्जरी से ठीक होने में बहुत कम समय लगता है।
कंडक्टिव केराटोप्लास्टी या सीके एक प्रकार की अपवर्तक सर्जरी है। यह सर्जरी कॉर्निया के आकार को बदलने के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग करती है। सीके की सर्जिकल प्रक्रिया आंख को सुन्न करके और फिर कॉर्निया पर रेडियो तरंगों को लागू करने के लिए खास उपकरण का उपयोग करके की जाती है। रेडियो तरंगों की गर्मी कॉर्निया में निशान ऊतक के छोटे हिस्से बनाती है। यह निशान कॉर्निया को आकार बदलने का कारण बनते हैं, जिससे रेटिना पर रोशनी को फोकस करने में मदद मिलती है।
इस प्रक्रिया को करने में आमतौर पर 30 मिनट से कम समय लगता है। साथ ही प्रक्रिया में सर्जन को टांके लगाने की जरूरत नहीं होती है। कंडक्टिव केराटोप्लास्टी की सर्जिकल प्रक्रिया से गुजर चुके ज्यादातर लोग दृष्टि में जरूरी सुधार का अनुभव करते हैं। हालांकि, कुछ लोगों को सर्जरी के बाद चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस पहनने की जरूरत पड़ सकती है। इसके अलावा कुछ प्रकार की अपवर्तक त्रुटियों वाले लोगों के लिए यह सर्जरी प्रभावी नहीं है।
लेजर थर्मल केराटोप्लास्टी या एलटीके एक अपवर्तक सर्जरी है। यह प्रक्रिया कॉर्निया में छोटे बुलबुले बनाने के लिए लेजर का उपयोग करती है। यह कॉर्निया के आकार को बदलता है, जिससे रोशनी आंख में जाती है और दृष्टि सुधार होता है। इसका उपयोग अक्सर दूरदर्शिता के इलाज के लिए किया जाता है, लेकिन यह दृष्टिवैषम्य के इलाज में भी प्रभावी है।
इस प्रकार की अपवर्तक सर्जरी कॉर्निया में टिकाऊ फ्लैप बनाने के लिए लेजर का उपयोग करती है। सर्जन तब कॉर्निया की बीच वाली परत से ऊतक की छोटी मात्रा को निकालने के लिए एक और लेजर का उपयोग करते हैं। इससे कॉर्निया को नया आकार देने और दृष्टि संबंधी समस्याओं को ठीक करने में मदद मिलती है। इसका उपयोग हल्के से मध्यम नज़दीकीपन का इलाज करने के लिए किया जाता है। साथ ही इससे दृष्टिवैषम्य के इलाज में भी मदद मिल सकती है।
यह एक अपवर्तक सर्जरी है, जिसका उपयोग दृष्टिवैषम्य को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसमें कॉर्निया का आकार बदलने के लिए चीरा लगाना शामिल है। इसे एक लेजर या मैन्युअल रूप से ब्लेड के साथ किया जाता है। यह दृष्टिवैषम्य में जरूरी सुधार करती है, जिससे संभावित रूप से दृष्टि में सुधार होता है। यह दृष्टिवैषम्य के कम या ज्यादा सुधार का कारण हो सकता है। इसके लिए आपको दूसरी सर्जरी की जरूरत होती है। साथ ही सर्जरी से इंफेक्शन, दृष्टि हानि या निशान जैसी अन्य जटिलताएं भी हो सकती हैं।
रेडियल केराटोटॉमी या आरके एक अपवर्तक सर्जरी है। इसमें कॉर्निया का आकार बदलने के लिए चीरा लगाना शामिल है। यह मायोपिया, हाइपरोपिया और एस्टिग्मैटिज्म को ठीक कर सकती है। इस सर्जरी में चीरे आमतौर पर एक खास तरह के चाकू से बनाए जाते हैं, जो कॉर्निया को चपटा या कम घुमावदार बना देते हैं। यह उस तरीके को बदल देती है, जिससे रोशनी आंख जाती है और आपकी दृष्टि में सुधार करती है। इस प्रकार आरके अपवर्तक सर्जरी के सबसे पुराने प्रकारों में से एक है।
एपी-लेसिक एक प्रकार की सरफेस ऐब्लेशन प्रक्रिया है, जो लेसिक से काफी मिलती-जुलती है। इसमें एपिटोम का उपयोग कॉर्निया में फ्लैप बनाने के लिए किया जाता है। यह उपकरण कॉर्निया की ऊतक परतों को धीरे से अलग करने के लिए डायमंड टिप का उपयोग करता है। इसका उपयोग अक्सर उन मरीजों के लिए किया जाता है, जो पतले कॉर्निया के कारण लेसिक के लिए अच्छे उम्मीदवार नहीं हैं।
कई लोग अपवर्तक सर्जरी के लिए सही उम्मीदवार हैं और इसके फायदे प्राप्त कर सकते हैं। निम्नलिखित लोग अपवर्तक सर्जरी के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवार हैं:
कुल मिलकार अपवर्तक सर्जरी के अलग-अलग प्रकार हैं। किसी व्यक्ति के लिए अपवर्तक सर्जरी का सबसे अच्छा प्रकार कई कारकों पर निर्भर करता है। ऐसे में अपवर्तक सर्जरी पर विचार कर रहे लोगों को एक अनुभवी नेत्र देखभाल पेशेवर से परामर्श करना चाहिए। इससे आपको विकल्पों की ज्यादा जानकारी, अपने सही विकल्प और सूचित फैसला लेने में मदद मिल सकती है। अपवर्तक सर्जरी से संबंधित ज्यादा जानकारी या मार्गदर्शन के लिए आज ही आई मंत्रा से संपर्क करें।
आई मंत्रा आपकी आंखों के लिए सबसे एडवांस सर्जिकल विकल्प प्रदान करता है, जिसमें पीआरके, फेम्टो लेसिक, स्माइल सर्जरी, स्टैंडर्ड लेसिक और कॉन्ट्यूरा विजन शामिल हैं। अगर आपके पास लेसिक सर्जरी, लेसिक सर्जरी की कीमत और लेसिक सर्जरी की प्रक्रिया को लेकर कोई सवाल हैं, तो हमें +91-9711116605 पर कॉल करें। आप हमें eyemantra1@gmail.com पर ईमेल भी कर सकते हैं।
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