Contents
अगर आप अपनी दृष्टि में सुधार के आंखों की सर्जरी पर विचार कर रहे हैं, तो आपके पास चुनने के लिए बहुत सारे विकल्प हैं। कई तरह की प्रक्रियाओं में से अपने लिए सही विकल्प चुनना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम आंखों की सर्जरी के अलग-अलग प्रकारों के बारे में चर्चा करेंगे। साथ ही हम किसी भी जटिलता से बचाव के लिए आपको कुछ सुझाव भी प्रदान करेंगे।
प्रत्येक प्रकार की सर्जरी के अपने जोखिम और फायदे होते हैं। ऐसे में अपने लिए सबसे बेहतर प्रक्रिया जानने के लिए आपको एक अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। ऐसी ही कुछ सबसे सामान्य दृष्टि सुधार प्रक्रियाएं निम्नलिखित हैं:
दृष्टि में सुधार करने के लिए यह सबसे आम प्रकार की सर्जरी है, जो सबसे लोकप्रिय भी है। लेसिक में कॉर्निया को फिर से आकार देने के लिए एक लेजर का उपयोग शामिल है। कॉर्नियां आंख की साफ और बाहरी परत है। यह प्रक्रिया दृष्टि समस्याओं की एक विस्तृत श्रृंखला को ठीक कर सकती है, जिसमें निकट दृष्टिदोष, दूरदर्शिता और दृष्टिवैषम्य शामिल हैं। लेसिक को एक आउट पेशेंट प्रक्रिया के आधार पर किया जाता है। इसका मतलब है कि आपको सर्जरी के बाद अस्पताल में रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस प्रक्रिया के लिए रिकवरी का समय आमतौर पर बहुत कम होता है। साथ ही ज्यादातर लोगों को सर्जरी के बाद बहुत कम या बिना किसी परेशानी का अनुभव होता है। यह सर्जिकल प्रक्रिया मरीजों को कई फायदे प्रदान करती है। यही वजह है कि इसे दृष्टि सुधार सर्जरी का सबसे लोकप्रिय प्रकार माना जाता है।
पीआरके या फोटोरिफ्रेक्टिव केराटेक्टॉमी आमतौर पर लेसिक से मिलती-जुलती सर्जरी है। इसमें कॉर्निया को दोबारा बदलने के लिए लेजर का उपयोग शामिल है। हालांकि, पीआरके में सर्जन लेजर उपचार करने से पहले कॉर्निया यानी एपिथेलियम की सरफेस लेयर को हटाते हैं। इसका मतलब है कि पीआरके का उपयोग लेसिक की तुलना में दृष्टि समस्याओं की एक विस्तृत श्रृंखला का इलाज करने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, इसमें रिकवरी का समय बहुत ज्यादा होता है।
पतले कॉर्निया या बड़ी पुतलियों वाले लोगों के लिए पीआरके एक बेहतर विकल्प हो सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इन कारकों से जुड़ी जटिलताओं का जोखिम कम होता है। इसके अलावा पीआरके उन लोगों के लिए भी एक अच्छा विकल्प हो सकती है, जिन्हें सर्जरी के बाद ड्राई आई सिंड्रोम विकसित होने का ज्यादा खतरा होता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सर्जरी में कॉर्नियल फ्लैप बनाने की कोई जरूरत नहीं होती है। ऐसे में अगर आप पीआरके पर विचार कर रहे हैं, तो सर्जरी का सबसे अच्छा विकल्प जानने लिए सर्जन के साथ फायदे और नुकसान पर चर्चा करना सुनिश्चित करें।
कुछ मामलों में दृष्टि सुधार के लिए आंखों की सर्जरी में कॉर्नियल ट्रांसप्लांट शामिल हो सकता है। जब सर्जरी के अन्य रूप संभव नहीं होते हैं या सफल नहीं होते हैं, तो यह आमतौर पर सिर्फ एक विकल्प है। कॉर्नियल ट्रांसप्लांट एक बहुत ही गंभीर सर्जरी है, जिससे रिकवर होने में मरीजों को ज्यादा समय लगता है। ऐसे में कॉर्नियल ट्रांसप्लांट को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। यह विकल्प चुनने के लिए आपको अपने डॉक्टर से चर्चा करने की सलाह दी जाती है। साथ ही यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि फैसला लेने से पहले आपको पूरी तरह से सूचित किया गया है। इस प्रकार की सर्जरी हमेशा सफल नहीं होती है, इसलिए आपको अपनी दृष्टि पूरी तरह से ठीक तक इस संभावना के लिए तैयार रहने की जरूरत होगी।
आपकी दृष्टि में सुधार करने के लिए आईओएल इम्प्लांट आंखों की सर्जरी का एक अन्य प्रकार है। आईओएल या इंट्राऑकुलर लेंस छोटे इम्प्लांट होते हैं, जिन्हें मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान आपकी आंखों में रखा जाता है। आईओएल का उपयोग प्रेसबायोपिया जैसी अन्य स्थितियों के इलाज में भी किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इन स्थितियों में दृष्टि तेजी से खराब होने लगती है। आईओएल इम्प्लांट प्लास्टिक, सिलिकॉन या एक्रिलिक सहित अलग-अलग सामग्रियों से बने हो सकते हैं। यह कई आकारों में आते हैं और साफ या रंगीन हो सकते हैं। हालांकि, आपके लिए सही आईओएल इम्प्लांट का प्रकार आपकी व्यक्तिगत जरूरतों और प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है।
यह दृष्टि को बेहतर बनाने के लिए आंखों की सर्जरी के कुछ सामान्य प्रकार हैं। आमतौर पर यह सभी सर्जरी आंख की फोकस करने वाले पावर में सुधार करने के लिए की जाती हैं। साथ ही इससे आपको ज्यादा साफ देखने में मदद मिल सकती है। इस तरह किसी भी प्रकार की सर्जरी को चुनने से पहले दृष्टि हानि के पीछे का कारण जानना आपके लिए बहुत जरूरी है। साथ ही सर्जरी में शामिल फायदे या नुकसान के बारे में जानना सुनिश्चित करें। इस जानकारी के साथ आप और आपके डॉक्टर आंखों की सर्जरी का सबसे अच्छा विकल्प चुन सकते हैं।
दृष्टि सुधार सर्जरी दर्दनाक नहीं है और ज्यादातर मरीज प्रक्रिया के दौरान सिर्फ हल्की असुविधा की रिपोर्ट करते हैं। यह सर्जरी 30 मिनट से कम समय तक चलती है, जिसके तुरंत बाद मरीजों को आंखों में अस्थायी पानी आने या हल्की संवेदनशीलता का अनुभव हो सकता है। हालांकि, यह दुष्प्रभाव आमतौर पर कुछ दिनों के अंदर अपने आप ठीक हो जाते हैं। आपके लिए यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि दृष्टि सुधार सर्जरी एक बहुत ही सुरक्षित प्रक्रिया है। इसमें जटिलताएं दुर्लभ हैं और ज्यादातर मरीजों को बेहतरीन नतीजे मिलते हैं।
हालांकि, किसी भी सर्जरी की तरह इसमें हमेशा जटिलताओं का एक छोटा जोखिम होता है। कुल मिलाकर दृष्टि सुधार सर्जरी आपकी दृष्टि में सुधार करने का एक बहुत ही सुरक्षित और प्रभावी तरीका है। अगर आप इस प्रक्रिया पर विचार कर रहे हैं, तो अपनी विशेष स्थिति पर चर्चा के लिए एक अनुभवी नेत्र रोग विशएषज्ञ से परामर्श करें। इससे आपको यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है कि दृष्टि सुधार सर्जरी आपके लिए सही है या नहीं।
इससे पहले कि आप किसी भी प्रकार की दृष्टि सुधार सर्जरी करें, आप शायद यह जानना चाहते हैं कि नतीजे कितने समय तक चलेंगे। हालांकि, इस सवाल का कोई निश्चित जवाब नहीं है। लेसिक वर्तमान में सबसे लोकप्रिय प्रकार की अपवर्तक सर्जरी है। इसमें आपकी दृष्टि को सही करने के लिए लेजर का उपयोग करना शामिल है। लेसिक का उपयोग निकट दृष्टिदोष, दूरदर्शिता और दृष्टिवैषम्य के इलाज में किया जा सकता है। लेसिक के नतीजे आमतौर पर काफी लंबे समय तक चलने वाले होते हैं। असल में इस सर्जिकल प्रक्रिया से गुजर चुके ज्यादातर लोगों के पास कम से कम एक दशक तक स्थिर दृष्टि होगी। हालांकि, यह संभव है कि आपको सड़क के किसी बिंदु पर टच-अप प्रक्रिया की जरूरत हो।
अगर आप लेसिक के मुकाबले पीआरके या इम्प्लांटेबल कॉन्टैक्ट लेंस जैसी अन्य प्रकार की दृष्टि सुधार सर्जरी से करवाते हैं, तो लेसिक के नतीजे लंबे समय तक चलने वाले होते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि दृष्टि में सुधार करने वाली आंखों की सर्जरी का यह प्रकार आक्रामक है। साथ ही इसमें जटिलताओं का जोखिम भी कम होता है। किसी भी प्रकार की दृष्टि सुधार सर्जरी में हमेशा 100 प्रतिशत चलने की गारंटी नहीं है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि उम्र, बीमारी या चोट के कारण आपकी दृष्टि समय के साथ बदल सकती है। हालांकि, अगर आप दृष्टि सुधार सर्जरी कराने पर विचार कर रहे हैं, तो लंबे समय तक चलने वाले नतीजे प्राप्त करने के मामले में लेसिक सबसे अच्छा विकल्प हो सकती है।
अगर दृष्टि में सुधार के लिए प्रत्येक प्रकार की आंखों की सर्जरी के बारे में बात करते हैं, तो सफलता दर इस प्रकार है:
इन प्रतिशतों का मतलब है कि सर्जरी कराने वाले प्रत्येक 100 लोगों में से 96 मरीजों की दृष्टि 20/20 या बेहतर होगी। हालांकि, आंखों की सर्जरी के किसी भी प्रकार की सफलता दर कई कारकों पर निर्भर करती है। इनमें शामिल हैं:
लेजर दृष्टि सुधार सर्जरी कराने वाले सभी मरीजों में से लगभग 98 प्रतिशत नतीजों से संतुष्ट हैं। कुल मिलाकर दृष्टि को ठीक करने के लिए आंखों की सर्जरी सफल माना जा सकता है। इस प्रकार किसी भी प्रकार की सर्जरी पर विचार करने से पहले ज्यादा जानकारी के लिए किसी पेशेवर से सलाह लेना आपके लिए बहुत जरूरी है।
कई बार ऑटोइम्यून बीमारियों या कुछ इंफेक्शन वाले लोग लेसिक नहीं करवा सकते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि लेसिक में कॉर्निया पर सटीक कट लगाने के लिए सर्जन लेजर का उपयोग करते हैं। इन स्थितियों वाले लोग धीरे-धीरे रिकवर करते हैं या इंफेक्शन के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो सकते हैं। कुछ दृष्टि समस्याओं को सर्जरी से ठीक नहीं किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आपके पास एम्ब्लियोपिया यानी आलसी आंख है, तो सर्जरी से दृष्टि में सुधार नहीं होगा। इस स्थिति में आंख से मस्तिष्क तक तंत्रिका मार्ग पूरी तरह से विकसित नहीं होता है, इसलिए सर्जरी इसे ठीक नहीं कर सकती है।
सर्जरी से संबंधित कोई भी फैसला लेने या सही सर्जरी जानने के लिए आपको सभी विकल्पों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। आपकी दृष्टि में सुधार करने का एकमात्र तरीका सर्जरी नहीं है। उदाहरण के लिए, हल्की निकट दृष्टि वाले लोग कॉन्टैक्ट लेंस या चश्मे से अपनी दृष्टि को ठीक करने में सक्षम हो सकते हैं। अगर आपको प्रेसबायोपिया यानी उम्र से संबंधित दूरदर्शिता है, तो चश्मे से आपको बेहतर देखने में मदद मिल सकती है। इसलिए, हमेशा अपने लिए सबसे अच्छा विकल्प चुनना सुनिश्चित करें।
सही सर्जरी एक जरूरी फैसला है। इससे संबंधित फैसला लेते समय ध्यान रखने योग्य वाले कुछ कारक निम्नलिखित हैं:
अगर आपको हल्की अपवर्तक त्रुटि है, तो लेसिक सर्जरी आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है। इस प्रकार की सर्जरी बहुत प्रभावी होती है और इसमें रिकवरी का समय कम होता है। कई बार ज्यादा गंभीर अपवर्तक त्रुटियों के लिए आपको पीआरके या लासेक जैसी अन्य प्रकार की सर्जरी पर विचार करने की जरूरत हो सकती है। आंखों की सर्जरी चुनते समय उम्र एक जरूरी कारक है। आमतौर पर 40 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को आंखों की लेसिक सर्जरी के लिए एक अच्छा उम्मीदवार नहीं माना जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ आपकी आंखों की रोशनी भी बदलती रहती है और लेसिक सर्जरी को दोहराया नहीं जा सकता है।
अलग जीवनशैली वाले लोगों को अलग-अलग सर्जरी पर विचार करने की जरूरत हो सकती है। उदाहरण के लिए, अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग करते हैं या आपकी पिछली आंख की सर्जरी हुई है, तो आपके लिए सर्जरी का प्रकार अलग हो सकता है। इसी तरह व्यस्तता आपके लिए सर्जरी के प्रकार को प्रभावित करती है। ऐसे में अपने लिए सबसे बेहतर आंखों की सर्जरी से संबंधित कोई भी फैसला लेने से पहले आपको इन सभी कारकों को ध्यान में रखना चाहिए। इसलिए, सभी विकल्पों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। साथ ही सुनिश्चित करें कि आप अपने द्वारा चुनी गई प्रक्रिया के साथ सहज हैं।
कुल मिलाकर दृष्टि में सुधार के लिए आंखों की सर्जरी एक बहुत जरूरी फैसला है। अलग-अलग प्रकार की प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं और यह निर्धारित करने के लिए कि आपके लिए कौन सी प्रक्रिया सही है, एक अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें। प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ अपनी दृष्टि को बेहतर बनाने के लिए सर्जरी पर विचार करना आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।
ज्यादा जानकारी और मार्गदर्शन के लिए आप आई मंत्रा से संपर्क कर सकते हैं। आईमंत्रा पीआरके, फेम्टो लेसिक, स्माइल सर्जरी, स्टैंडर्ड लेसिक और कॉन्ट्यूरा विजन सहित आंखों की सर्जरी के सबसे उन्नत विकल्प प्रदान करता है। अगर आपके पास लेसिक सर्जरी, लेसिक सर्जरी की कीमत और लेसिक सर्जरी की प्रक्रिया को लेकर कोई सवाल हैं, तो हमें +91-9711116605 पर कॉल करें। आप हमें eyemantra1@gmail.com पर ईमेल भी कर सकते हैं।
विज़ियन आईसीएल क्या है - What Is Visian ICL In Hindi विज़ियन आईसीएल लेंस का…
लेजर सर्जरी क्या है - What Is Laser Surgery In Hindi आमतौर पर लोग आंखों…
Hyperopia, also known as farsightedness, is a condition that affects how well you can see…
आरएलई सर्जरी क्या है - What Is RLE Surgery In Hindi मुंबई में आरएलई सर्जरी…
If you are considering laser eye surgery, you may be wondering what to expect afterward.…
आरएलई सर्जरी क्या है - What Is RLE Surgery In Hindi अहमदाबाद में सर्वश्रेष्ठ आरएलई…